Wrestler Ritika Phogat Wikipedia Hindi - नमस्कार विकिपीडिया हिंदी में आपका स्वागत है। रेसलिंग के फाइनल मैच में 1 नंबर से हारने के कारण निराश 17 वर्षीय रितिका फोगाट (Ritika Phogat) ने 15 मार्च को आत्महत्या कर ली। रितिका फोगाट (Ritika Phogat) भारतीय स्टार रेसलर्स बबिता फोगाट (Babita Phogat) की ममेरी बहन थी। आज इस आर्टिकल में रितिका के जीवन परिचय की जानकारी देने वाले हैं।
रितिका फोगाट (Ritika Phogat) के बारे में जानने से पहले एक बात, जो हम अपने पाठकों को कहना चाहते हैं कि जिंदगी अनमोल है। एक छोटी से हार के कारण अपनी कीमती जिंदगी को गंवाने पर रितिका फोगाट (Ritika Phogat) को क्या मिला। उसके पीछे उसके परिवार पर क्या गुजर रही होगी, इस बात का अंदाजा परिवारिक सदस्य ही लगा सकते हैं।
बताया जा रहा है कि भारतीय रेसलर बबिता फोगाट की ममेरी बहन रितिका फोगाट रेसलिंग टूर्नामेंट का फाइनल मैच हरने के बाद 15 मार्च को महाबीर फोगाट के मकान में पंखे पर दुप्पटे का फंदा लगा कर अपने आप को फांसी लगा ली। कहा जा रहा है कि फाइनल मैच में हार की शर्मिंदगी न झेल पाने की वजह से रितिका ने ये कदम उठाया है। लेकिन एक हार से निराश होकर जिंदगी खत्म कर लेना बहुत गलत बात है।
कौन है रितिका फोगाट - Who is Ritika Phogat
रितिका फोगाट कामनवेल्थ गेम्स मेडलिस्ट और दंगल क्वीन गीता व बबिता फोगट की ममेरी बहन थी। रितिका राजस्थान के झंझनू जिले के गांव जैतपुर की रहने वाली थी। वह अपने गांवों में फूफा महावीर फोगाट द्वारा संचालित एकेडमी में पिछले पांच वर्षों से प्रेक्टिस कर रही थी। रितिका ने 12 से 14 मार्च तक राजस्थान के भरतपुर में आयोजित राज्य स्तरीय सब जूनियर कुश्ती स्पर्धा में भाग लिया था।
इस प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में रितिका एक अंक से हार गई थी। जिसके कारण वह सदमे में थी। इसी के चलते रितिका ने 15 मार्च की देर रात को गांव बलाली में महावीर फौगाट के घर पर कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। एक हार से रितिका इतना टूट गई थी, कि उसने आत्महत्या का रास्ता अपनाया और फंदा लगा लिया।
रितिका फोगाट जीवनी | Ritika Phogat Biography in Hindi
नाम : रितिका फोगाट
निक नाम : रितिका
जन्मस्थान : गांव जैसपुर जिला झंझनू (राजस्थान)
पेशा : रेसलिंग
मौत : 15 मार्च 2021
कारण : रेसलिंग मैच में हारने से निराश
रेसलिंग करियर
17 वर्षीय कुश्ती रेसलर रितिका फोगाट अपने ममेरी बहन दंगल क्वीन गीता व बबिता फोगाट की तरह ही एक बड़ी रेसलर बनना चाहती थी। इसलिए वह बचपन से ही कुश्ती खेलने की शौकीन थी। वह गांव में ही अपने फूफा द्रोणाचार्य अवार्डी पहलवान महावीर फौगाट द्वारा संचालित कुश्ती एकेडमी में प्रशिक्षण ले रही थी। इससे पहले वह कई कुश्ती मुकाबले जीत कर अपना परचम फहरा चुकी थी।
रितिका ने अंतिम समय 12 से 14 मार्च तक राजस्थान के भरतपुर में आयोजित राज्य स्तरीय सब जूनियर कुश्ती स्पर्धा में भाग लिया। जिसमें उसने अपने सभी विरोधी रेसलरों को हराते हुए फाइनल में जगह बनाई। लेकिन फाइनल मैच में रितिका फोगाट एक अंक से मैच हार गई। जिसके बाद रितिका अंदर से इतना टूट गई कि उसने आत्महत्या तक करने का फैसला कर लिया।
अंतिम शब्द
दोस्तों, जीत-हार जिंदगी के दो पहलू है, जो आते-जाते रहते हैं। लेकिन एक हार के बाद जीत जरूर आती है ये कभी नहीं भूलना चाहिए। लेकिन फाइनल मुकाबले में मिली हार के कारण अंदर से टूट चुकी रितिका ने ऐसा कदम उठा लिया, जिसके बाद वो दोबारा कभी नहीं लौट सकती है। इसलिए कभी भी बच्चों पर जीत के लिए ज्यादा दबाव नहीं बनाना चाहिए।
अगर आप हार रहे हैं तो ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि आप जीत नहीं सकते हैं। आपको हराने वाला भी आपकी तरह ही है। इसलिए हमेशा मेहनत पर ध्यान देना चाहिए और जीत हार की प्रवाह नहीं करनी चाहिए। धन्यवाद
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